जनानी झूमर
या महिला प्रधान नृत्य है । महिलाएं दलों में एक दूसरे हाथों में हाथ उलझा कर कदम से कदम मिला कर कलात्मक संचालन करते हुए लास्य-लोच से युक्त कभी झुकती कभी नृत्य गति को तीव्र करती है। गायनाहा (गाने बाले) बजनिया (बजाने व नाचने वालियों के मध्य में होते हैं। इम्हें घेर कर वृत्ताकार एक अधिक दलों में युवतियाँ नृत्य करती हैं। एक दल गीत उठाता है दूसरा दल झोंकता (दुहराता) है । तभी नृत्य आरंभ हो जाता है। उठाने के समय वाद्य तनिक क्षण के लिए शांति हो जाते हैं। महिला सामान्य श्रृंगार किए रहती हैं। आगे की महिला करताल लिए नृत्य नेतृत्व करती हैं। रागों के बदलने के साथ इनके नृत्य की मुद्राएँ कदम बदल जाते हैं। जिनका शेष महिला.: अनुकरण करती हैं। जाननी झूमर के वादक भी पुरुष ही होते हैं। इस नृत्य में कई भेद-उपभेद हैं। इस श्रेणी के नृत्य में अँगनाइए प्रमुख है।