लोहरा
लोहरा झारखण्ड की अनुसूचित जनजातियों मे एक पेशेवर जाति है | जिसका परम्परागत पैतृक पेशा लुहारी है | यहाँ और भी कई जनजातियॉ है जो विभिन तरह की पेशी मे, जैसे बुनाई, टोकरी रस्सी बनाने मे लगी है | किन्तु असुर एक आदिम जनजाति जो लोहा गलने एवं लोहे के समान बनाने से जुडी है, लुहारी को परम्परागत खानदानी पेशा मानती है | लोहरा के मूल स्थान और झारखण्ड मे उनके आब्रजन के संबध मे न कोई लिखित ब्योरा उपलब्ध है, न कोई लोककथा, किवदति आदि | संभावना तो यही है कि जनजातियो कि बीच से कुछ लोगो ने इस व्यवसाय मे लगे लोग किसी जनजातीय समुदाय विशेष के थे, यह बताना तो कठिन है | कालक्रम मे लुहारी कि काम मे लगे होने कि कारण ही ये 'लोहरा' कहे जाने लगे और एक पृथक जाति - समूह का निर्माण हो गया |