तेलियागढ़ी
साहेबगंज से लगभग 12 किलोमीटर पूर्व, गंगा तट पर रेलवे लाईन के समीप, एक गढ़ के भग्नावशेष है जिसे तेलियागढ़ी के नाम से जाना जाता है। अपनी भैगोलिक स्थिति के कारण यह बंगाल की कुंजी या प्रवेश-द्वार कहलाता था। यहाँ प्राचीन किले के अवशेष तथा मूर्तियों के खण्डित अंशों को देखकर इसकी प्राचीनता तथा ऐतिहासिकता का अंदाजा होता है। इसी मार्ग से होकर मुगल-सेना का आवागमन होता था।