कोरबा
कोरबा झारखण्ड की एक आदिम जनजाति है। अत्यंत ही गरीब और सभी दृष्टि से पिछड़ी जाति हैं ऐसा माना जाता है कि झारखण्ड में कोरवा मध्यप्रदेश से आए। ऐसा कहा जाता है कि ये मुण्डा की एक छोटी शाखा है जो पश्चिम की ओर मध्यप्रदेश में बढ़ गए थे। अभी भी कोरबा की बहुत बड़ी आबादी मध्यप्रदेश के सरगुजा और जशपुर में पायी जाती है। संप्रति झारखण्ड में कोरबा मुख्यतः गढ़वा, पलामू और लातेहार जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ इन्हें जंगलों से कंद-मूल, फल-फूल, जड़ी-बूटी आदि विविध बनोपज सालों भर उपलब्ध रहते हैं। गुमला और सिमडेगा जिला में भी कोरबा मिलते हैं। छिटपुट रूप से कुछ अन्य जिलों में भी पाये जाते हैं। गढ़वा जिला में इनका विशेष संकेन्द्रण घुरकी व भंडरिया तथा चैनपुर व महुआटाँड़ प्रखण्डों में है। बिहार में रोहतास, भोजपुर, पूर्णिया और मुंगेर तथा उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर क्षेत्र में मिलते हैं। भारत के यही चार राज्य कोरबा के निवास-स्थल है। कुछ विद्वानों ने कोरबा को द्रविड़ जाति का माना है किन्तु इसकी भाषा द्रविड़ नहीं है।