बैगा
बैगा जनजाति सम्भवतः अल्प ज्ञात जनजातियों में से एक है। बैगा शब्द का प्रयोग खरवार आदि जनजातीय समुदाय में पुजारी-पुरोहित या तंत्र-मंत्र के जानकार के लिए भी होता है। पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले को बैगा कहा जाता है। रिजले ने बैगा को ओझा-पुजारी के रूप में चित्रित करते हुए इसे झारखण्ड के धनुआर गोत्र या शाखा का बताया है। डाॅ० एल्विन ने भी अपने वर्णन में बैगा को ओझा, सयाना, जादूगर तथा खरवार जाति का पुजारी माना है। रसेल की मान्यता है कि बैगा मध्य प्रदेष की भुइयाँ जनजाति की एक शाखा है। कुछ विद्वान बैगा को गांेंड के रूप में चिहिंत करते हैं। किंतु बैगा स्पष्टतः गोंड से भिन्न है और उन्हें कोलेरियन समूह में रखा जा सकता है।